Wednesday, 28 August 2013

84th Blog - Happy Janam




मुरली उसकी करे कुछ ऐसा हाल,
सारा ब्रज ही हो जाये बेहाल,
दोस्तों की टोली बना घुमे गली गलियाँ,
तालमेल से चढ़ जाये और तोड़े हंडियाँ,
वन उपवन में दिन भर बिसराए,
और गोपियों संग मधुवन में रास रचाए

वो तो है निर्दयी, वो क्या जाने,
राधा का दर्द बस राधा जाने,
ये तो बता दे साँवले बरसाने वाले,
कैसे राधा तुझे याद करना छोड़ दे,
तेरे प्यार में बिसराने को है जीवन,
कैसे तेरी प्रीत में रहना छोड़ दे

वो तो है निर्मोही, वो क्या जाने,
और मीरा का दर्द बस मीरा जाने,
हर पल प्यार में उसके मीरा तरसे,
प्रेम दीवानी बन भजे, कृष्णा-कृष्णा,
हर पहर उसकी भक्ति में बरसे,
जागत-सोवत बस गाये, कृष्णा-कृष्णा

! यशोदा के कृष्ण, नन्द दुलारे,
! राधा के श्याम, मीरा के घनश्याम,
! ग्वालों के कान्हा, गोपियों के माखन चोर,
गोकुल की गलियाँ देखे तेरी राहें,
पूछे, हमे छोड़ कहाँ गया तू रे,
ब्रज का गोवर्धन भी तरसे मुरली सुनने को,
कहाँ छुपा है,आजा, सुना जा मनमोहक तान रे.




Regards
Dhitendra
Keep Smiling :-)

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